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Article Details :: |
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| Article Name : | | | वैदिक वाङ्मय और सामाजिक संगठन | | Author Name : | | | डाॅ. कनक रानी | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | ROR-13379 | | Article : | |  | Author Profile | | Abstract : | | | वेद का संदेश है-‘संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्’ (ऋग्वेद/10/191/2)। मिलकर चलें, मिलकर बोलें, यह कामना समाज को संगठित करने में अत्यंत प्रभावी है। संगठन में अद्भुत शक्ति होती है। | | Keywords : | | - वैदिक वाङ्मय,सामाजिक संगठन,
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