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| Article Name : | | | अधिकारपरस्त नारीनुं नाटक: जालका | | Author Name : | | | Dr. Hitesh Gandhi | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | ROR-9585 | | Article : | |  | Author Profile | | Abstract : | | | वैश्विक कला आंदोलनो, चिन्तन अने विश्व साहित्त्यना परिचय प्रभाव थकी ऊभी थयेली नूतन . आधुनिक संवेदनाना कारणे मानव अने मानवजीवनमां आवेल परिवर्तन आ समयना सर्जको माटे रसनो विषय बने छेण् मानवजीवनमां रहेला पारस्परिक विरोधनी संकुल न कळाय तेवी निगुढ परिस्थितिना कारणे उदभवता भावविश्वनी विविध अर्थछाया धरावता मानवनुं चि आधुनिक गुजराती नाटय सर्जको अे निरुप्युं छेण् | | Keywords : | | |
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