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| Article Name : | | | जायसी के 'पद्मावत' का अंतर्पाठीय विश्लेषण | | Author Name : | | | प्रेमवती | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | ROR-724 | | Article : | |  | Author Profile | | Abstract : | | | आदिकाल से हि साहित्य को समझने के लिये विभिन्न मत , विचारधारा , अध्ययन पद्धतियो और सिद्धांत विकसित होते चाले आये है । जिसमें भारतीय मनीषियों के साथ-साथ पश्चिम के विद्वानो का भी योगदान रहा हैं । प्राचीन काल मे साहित्य समझने के लिये ऋग्वेद उपनिषद इत्यादी सहायक सिद्ध हुए है। भरतमुनी का नाट्यशास्त्र , रस , अलंकार इत्यादी के मध्यम से भी साहित्य के प्रयोजन को समझने का प्रयास किया जाता हैं । | | Keywords : | | - विचारधारा
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