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| Article Name : | | | बंजारा समाजाचे सामाजिक शोषणाचा आलेख तांडा | | Author Name : | | | अशोक कांबळे | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | ROR-1484 | | Article : | |  | Author Profile | | Abstract : | | | दलित साहित्याचं वैशिष्यपूर्ण दालन म्हणजे दलित आत्मकथन. एकापेक्षा एक सरस अशी आत्मकथने या एक दीड तपात समोर आली आहेत. मराठी साहित्यात कधीही न आलेले दलितांचे जीवनाचे दर्शन दलित आत्मकथनातून घडले आणि फार मोठी वाङ्मयीन व सामाजिक क्रांती दलित साहित्याच्या रूपाने झाली हे सत्य नाकारता येत नाही. | | Keywords : | | - दलित आत्मकथन,दलित आत्मकथन,दलित आत्मकथन
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