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| Article Name : | | | नारायण सुर्वेंची माणुसकीची कळ जपणारी सामाजिक कविता | | Author Name : | | | डॉ. राजेंद्र खंदारे | | Publisher : | | | Ashok Yakkaldevi | | Article Series No. : | | | ROR-11567 | | Article : | |  | Author Profile | | Abstract : | | | “एकटाच आलो नाही युगाचीही साथ आहे; सावध असा तुफानाची हीच सुरुवात आहे; कामगार आहे मी तळपती तलवार आहे; सारस्वतानो थोडासा मी गुन्हा करणार आहे.” | | Keywords : | | |
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